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प्रेगनेंसी का नोंवा महीना , लक्षण शारीरिक बदलाव और देखभाल

प्रेगनेंसी का नोंवा महीना , लक्षण शारीरिक बदलाव और देखभाल

गर्भावस्था का नौवा महीना यानी कि महिला का 36 से 40 हफ्तों के सफर शुरू होना! जिस सफर में  वह स्वस्थ और हेल्दी बच्चे को जन्म देती है जब महिला अपने पूरे 8 महीनों को पूरा करती है और 9 महीने में जाती है तो खुश होने के साथ-साथ चिंतित भी होती है क्योंकि अब उसे अपने डिलीवरी की चिंता होने लग जाती है और उसे यह बात सताने लग जाते हो कि वह नौवें महीने में ऐसा क्या करें जिससे उसकी नॉर्मल डिलीवरी संभव हो और वह अपनी देखभाल कैसे करें 

गर्भावस्था का नौवा महीना 

गर्भावस्था की केवल अवधि 40 हफ्तों यानी कि 280दिन की होती है जब महिला अपने 36वे हफ्ते में दाखिल होती है तो उसे गर्भावस्था का नौवा महीना कहा जाता हैं यह तीसरी तिमाही का भी अंतिम महीना होता है इस समय में महिला की डिलीवरी कभी भी हो सकती है 

प्रेगनेंसी के नोंवे महीने में होने वाले लक्षण
ninth-Month-symtoms

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी होता है कि नौवा महीना में क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं जिससे महिला अधिक तनाव में ना रहे

स्तनों से रिसाव 

गर्भावस्था के नौवें महीने में स्तनों से रिसाव होना शुरू हो जाता है जो जोकि गाढा पीले रंग का होता है जिसे हम कोलेस्ट्रोम कहते हैं यह प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में होता है इससे महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है  कुछ महिलाओं में यह ज्यादा तो कुछ में कम होता है 

बार-बार पेशाब आना

जैसे ही गर्भावस्था का नौवा महीना शुरु हो जाता है तो बार बार पेशाब आना शुरू हो जाता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नौवें महीने में शिशु अपना सिर नीचे कर लेता है जिसके कारण होता  मूत्राशय पर दबाव पड़ता है और मूत्राशय की मूत्र को एकत्रित  करने की कैपेसिटी कम हो जाती है जिससे आपको बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याएं होने लगती हो

पीठ में दर्द होना

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में पीठ में दर्द होना एक साधारण से बात  होती है ऐसा इसलिए होता है  क्योंकि  महिला के शरीर का भार पीठ के नसो पर पड़ता है जिससे पीठ में दर्द होने जैसी समस्या होती है  यह समस्या आम होती हैं इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है 

बैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन

यह एक प्रकार की झूठी दर्दे होती है जोकि अंतिम तिमाही में शुरू होती है और नौवें महीने में ज्यादा बढ़ जाती है यह ज्यादा पीड़ादायक नहीं होती और यह दर्द ज्यादा बढ़ती भी नहीं है थोड़ा सा चलने फिरने से या अपनी पोजिशन बदलने से  यह दर्द कम हो जाती है यदि दर्द 1 घंटे में 4 बार से अधिक हो ज्यादा पीड़ादायक को और पीठ से बढ़कर पेट की तरफ आ रही हो तो या लेबर पेन का लक्षण भी हो सकता है इसलिए इस समय आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं 

बच्चे का सिर नीचे की तरफ आ जाना

नौवें महीने में बच्चे का सिर नीचे की तरफ आ जाता है इससे 8 महीने में होने वाली तकलीफ जैसे सांस लेने में तकलीफ या सीने में जलन होने जैसे तकलीफों से राहत मिल जाती है क्योंकि इसमें बच्चा नीचे की ओर चला जाता है वह अपनी स्थिति ले लेता है

बच्चे की मूवमेंट का कम होना

 जब शिशु नॉववे महीने में चला जाता है तो उसके मोमेंट में कमी आ जाती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा अपने जन्म के  समय के लिए स्थिति ले लेता है और उससे उसकी मोमेंट कम हो जाती है 

योनि से मुकस या रक्त का निकलना

गर्भावस्था के नौवें महीने के दौरान पेशाब के साथ  म्यूकस या रक्त भी नजर आ सकता है ऐसा सामान्य होता है यह डिलीवरी से कुछ दिनों पहले होने वाला लक्षण होता है परंतु यदि इससे दुर्गंध आ रही हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना

नौवें महीने में महिला के शरीर में होने वाले शारीरिक बदलाव 

नौवें महीने में महिला का वजन बढ़ जाता है या कम से कम 11 से 16 किलो के बीच वजन बढ़ता है
नौवें महीने के दौरान महिला के पीठ में अधिक दर्द होता है
इस दौरान महिला के पेट नीचे की ओर आ जाता है
नौवें महीने में महिला का श्रोणि भाग खुलने लगता है
इस समय महिला को उठने और झुकने में अधिक मुश्किल होती है
नौवें महीने के दौरान महिला अधिक थकान महसूस करती है
नौवें महीने के दौरान महिला अधिक तनाव में रहती है क्योंकि उसे इस समय डिलीवरी की चिंता होती है परंतु फिर भी महिला के चेहरे पर चमक होती है
नौवें महीने में महिला को बार बार पेशाब आता है जिसके कारण उसके सोने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है
इस समय के दौरान महिला को सांस लेने जैसे संबंधित परेशानियों से राहत मिलती है
नौवें महीने में महिलाओं के  कभी कभी हाथ पैर पर सूजन भी आ सकता है

   गर्भावस्था के नौवें महीने में होने वाली देखभाल pregnancy me nove mahine me hone vali dekhbhal

  1.  नौवें महीने में महिलाओं को अपने खान-पान पर विशेष करके ध्यान देना चाहिए इसमें उन्हें आयरन युक्त कैल्शियम युक्त विटामिन,युक्त भोजन खाना चाहिए जिसमें उसे सेब ,पालक चोलाई, चुकंदर खजूर आदि प्रकार का भोजन करना चाहिए इस समय  दूध और दूध से बने हुए तत्वों का सेवन अवश्य करना चाहिए
  2. 9 महीने में महिलाओं को पेट के बल नहीं झुकना चाहिए और पेट पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालना चाहिए
  3. नौवें महीने के दौरान महिलाओं को व्यायाम करना चाहिए पर उन्हें व्यायाम डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए कोई भी ऐसा वायाम नहीं करना चाहिए जिससे पेट में दबाव पड़े
  4. 9 महीने के दौरान महिलाओं के पीठ के बल नहीं सोना चाहिए इससे पीठ की नसों पर दबाव पड़ता है जिससे पीठ में दर्द होने जैसी समस्या हो सकती है
  5. इस महीने में महिलाओं को अधिक चलना फिरना चाहिए
  6. नौवें महीने के दौरान महिलाओं को कैफ़ीन और चाय का सेवन बहुत कम करना चाहिए यूं तो पहले पूरी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को चाय का सेवन कम करना चाहिए
  7. नौवें महीने में महिलाओं को रेस्ट करना चाहिए 
  8. नौवें महीने में महिलाओं को सभी प्रकार की टेस्ट करवानी चाहिए जिसमें ब्लड टेस्ट किए जाते हैं बच्चे की धड़कन मापी जाती है गर्भाशय का आकार मापा जाता है
  9. इस समय मेरा को अधिक देर तक खड़ा नहीं होना चाहिए इससे महिला को थकान महसूस हो सकती हैं
  10. अंतिम तिमाही में महिला को अधिक तनाव नहीं लेना चाहिए
  11. इस महीने के दौरान महिलाओं को अपने हॉस्पिटल जाने की तैयारी करनी होती है इसलिएअपना बैग तैयार करने ताकि हॉस्पिटल जाने पर उन्हें अधिक हमें सिर्फ बैग उठाना है
  12.  नौवें महीने में बिल्कुल भी जंक फूड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इसमें ना तो कोई पोषक तत्व रहते हैं और यह पेट को खराब करता है

  13. इस लिए गर्भावस्था के दौरान महिला को हाइड्रेटेड रहना चाहिए परंतु नौवें महीने में महिला को और अधिक पानी पीना चाहिए जिससे उसका शरीर हाइड्रेटेड रहे जिससे इसे डिलीवरी के समय किसी भी प्रकार की समस्या ना हो

अगर यह लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

पानी की थैली फटना यह डिलीवरी का संकेत हो सकता है
योनि से भारी रक्तदाब होना या फिर मुकर का निकलना
पेट में बहुत तेज दर्द होना
पेट दर्द के साथ-साथ संकुचन का बढ़ना
धूधला दिखाई देना
ज्यादा मितली होना या उल्टी होना
हाथ पैरों में भारी मात्रा में सूजन आना



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