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प्रेगनेंसी के पहले तिमाही first trimester of pregnancy

प्रेगनेंसी के पहले तिमाही first trimester of pregnancy

प्रेग्नेंट होना गर्भ धारण कर लेना! हर एक महिला के लिए बहुत ही और खुशनुमा पल होता है हर महिला अपनी शादीशुदा जिंदगी में एक बार इस अनुभव को अपनाना चाहती हैं और जब महिला को पहली बार यह पता चलता है कि उसने गर्भ धारण कर लिया है तो बहुत ज्यादा खुश होती है परंतु साथ साथ में वह  डरी हुई होती हैं क्योंकि शुरुआती दिनों में गर्भपात होने का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है
First trimester pregnancy

प्रेगनेंसी के पहले तिमाही 1-12हफ्ते

डॉक्टरों के अनुसार प्रेगनेंसी को तीन भागों में बांटा जाता है पहले तिमाही दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही जो पहली तिमाही होती है उसे 1 से लेकर 12 हफ्तों तक बाटा जाता है इस समय महिला को अपना खास करके बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि इस समय सबसे ज्यादा मिसकैरेज का खतरा होता है और इस समय  उसके शरीर में शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं जिनमें कुछ हार्मोन बदलाव  होते हैं आंकड़ों के अनुसार इस समय 85% महिलाओं में गर्भपात का खतरा होता है इसलिए इस समय careful रहना मा और बच्चे के (mother baby health condition)स्वास्थ्य के लिए आवशयक होता है

  1. प्रेगनेंसी कब से count होती हैं

डॉक्टर के मुताबिक गर्भावस्था कुल 40 हफ्तों की होती है जिसे महिला के लास्ट महामारी की पहले दिन से गिना जाता है LMP (last menstrual period)

पहले तिमाही में बच्चे का शेप और साइज

प्रे्नेंसी के पहले तीन महीने के दौरान बच्चा एक सेब के आकार का होता है इस समय बच्चे का वजन 30 से 40 ग्राम का होता है और 4 5 इंच बड़ा होता है इस समय बच्चे का शारीरिक रूप से विकास होने लगता है बच्चे के हाथ पैर बनने शुरू हो जाते है 

पहली तिमाही में आने वाले बदलाव

  1. जी मिचलाना _  प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में जी मचलाना एक आम समस्या होती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस समय शरीर में हार्मोन का बदलाव होता है जिसके कारण एचसीजी नामक हार्मोन हमारे शरीर में सीक्रेट होता है उसके कारण जी मचलना जैसी प्रॉब्लम होती हैं और कभी कभी उल्टी भी हो सकती है
  2. अधिक पेशाब आना_गर्भावस्था के पहले तिमाही में गर्भाशय का आकार बढना शुरू हो जाता है जिसके कारण मूत्राशय पर वजन पड़ता है  मूत्राशय का मूत्र को एकत्रित करने की कैपेसिटी कम हो जाती है इसके कारण बार-बार पेशाब आना शुरू हो जाता है
  3. वजन घटना_गर्भावस्था के पहले तिमाही में मां का वजन घटता है क्योंकि इस समय बच्चे के अंग बनना शुरू हो जाते हैं जिसके कारण मां के शरीर में बदलाव आते हैं
  • थकान होना_गर्भावस्था के दौरान थकान होना एक स्वाभाविक बात होती है और पहले तिमाही में तो थकान होना एक आम बात है क्योंकि इस समय  गर्भाशय अपने आकार को बढ़ाने के लिए तैयार हो रहा होता है मां के शरीर में हारमोंस बदलाव हो रहे होते हैं और जिसके कारण मां का खानपान भी अच्छा नहीं रहता इसलिए इस समय थकान होना एक आम बात है
गर्भावस्था के पहले तिमाही में रखें इन बातों का खास ध्यान
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  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला को ज्यादा सफर नहीं करना चाहिए क्योंकि इस समय ज्यादा सफर करने से गर्भपात का खतरा हो सकता है
  • पहली तिमाही में गर्भवती महिला को ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रहना चाहिए
  • गर्भावस्था के दौरान महिला को पब्लिक बाथरूम यूज़ नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे यूरिन इन्फेक्शन का खतरा बना होता है
  • पहले तिमाही में गर्भावती महिला को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस समय उसे अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए जिससे वह डिहाइड्रेशन से बची रहे क्योंकि इस समय उल्टी होना या जी मिचलाना जैसी समस्याएं होती है जिनसे शरीर में  डिहाइड्रेशन का चांस हो सकता है
  • गर्भावस्था के पहले तिमाही में या पूरी गर्भावस्था के दौरान महिला को रेडिएशन से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है और इससे बच्चे का मानसिक विकास भी कम होता है
  • गर्भावस्था के पहले दिन में महिला को आपस में संबंध नहीं बनाने चाहिए क्योंकि इस दौरान अबॉर्शन और मिसकैरेज का खतरा ज्यादा होता है
  • गर्भावस्था के पहले तिमाही में महिला को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए इस समय महिला को कुछ ऐसे फल होते हैं जिन्हें अवार्ड करना चाहिए जैसे कि पपीता पाइनएप्पल ऐसे फल जोकि अबॉर्शन का कारण बन सकते हैं उन्हें अवॉइड करना चाहिए
  • गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान महिला को ज्यादा भारी समान उठाना नहीं चाहिए क्योंकि यह भी एक अबॉर्शन का कारण बन सकता है
  • गर्भावस्था के पहले तिमाही में महिला को यदि ब्लीडिंग होती है तो महिला को उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यहां अबॉर्शन का संकेत भी हो सकता है या यह किसी प्रकार की  अबनॉर्मल प्रेगनेंसी का संकेत भी हो सकता है
  • गर्भावस्था के दौरान महिला को अधिक मिर्च आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • गर्भावस्था के पहले तिमाही में महिलाओं को ज्यादा उबड़ खाबड़ वाली जगह पर जाने से परहेज करना चाहिए
  • पहले तिमाही में यानी की प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में मैं लाखों मॉर्निंग सिकनेस ऐसी समस्याएं होती है इसलिए महिलाओं को  अदरक वाली चाय या नींबू पानी  पीना चाहिए
  • गर्भावस्था के दौरान महिला को ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में हारमोंस बदलाव होते हैं और बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है यदि महिला तनाव लेगी तो इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही प्रकार से नहीं होगा और बच्चे के शरीर में कई प्रकार के प्रॉब्लम हो सकती हैं
  • गर्भावस्था के दौरान महिला को अपना रूटीन चेकअप करवाना चाहिए जिसमें महिला को कुछ ब्लड टेस्ट आरएच फैक्टर आदि टेस्ट करवाए जाते हैं और एक महिला का अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है जिसमें यह पता किया जाता है कि शिशु की कंडीशन सही है या नहीं इसलिए महिला को अपना रूटीन चेकअप अवश्य कराना चाहिए
  • जैसे कि महिला को अपने गर्भावस्था के बारे में पता चलता है उसे तुरंत अपने नजदीकी हॉस्पिटल जाना चाहिए और अपनी जांच करवानी चाहिए ताकि वह एक अच्छे और healthy बच्चे को जन्म दे सके
  • यह भी पड़ेhttps://mombabyyhealthy.blogspot.com/2021/08/10-pregnancy-diet-tips.html
प्रे्नेंसी के पहली तिमाही में कुछ danger sign जिन्हें नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
  • ब्लेडिंग होना_यदि प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में ब्लीडिंग हो तो यह एक डेंजर साइन की तरह होता है क्योंकि ब्लीडिंग एक अबॉर्शन का कारण हो सकता है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें और तुरंत हॉस्पिटल जाए
  • बहुत ज्यादा बुखार होना_यदि प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में महिलाओं को बहुत ज्यादा बुखार हूं यानी कि बुखार 101 डिग्री से ज्यादा हो तो महिला को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक इन्फेक्शन का कारण हो सकता है जिससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है ऐसे में महिला को तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल जाना चाहिए
  • अधिक मात्रा में उल्टी होना_प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में महिला को उल्टी होना जैसी समस्या होती है परंतु यदि समस्या जरूरत से ज्यादा हो जाए तो यह शरीर में भी हाइड्रेशन का कारण बन जाती है जिसके कारण महिला को चक्कर आना जैसी समस्याएं हो जाती है तो ऐसे में तुरंत हॉस्पिटल जाए और शरीर में पानी की कमी को ना होने दें
  • पेशाब  में जलन होना_नीति महिला को पेशाब में जलन होने जैसी समस्या हो रही है तो उसे तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए क्योंकि यह यूरिन इन्फेक्शन का संकेत होता है और प्रेगनेंसी के पहले तिमाही में इससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है

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